छत्तीसगढ़ के प्रमुख 3 त्यौहार | 3 Major Festivals of Chhattisgarh
भारत अपने छत्तीसगढ राज्य के अद्वितीय लोक कला और संस्कृति के लिए दुनिया भर में मसूर है। छत्तीसगढ़ राज्य एक ऐसा राज्य है जहां पर हर माह किसी ना किसी तरह का त्यौहार मनाया जाता है और हर त्यौहार पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जो समाज द्वारा मान्य है। छत्तीसगढ़ प्रदेश आदिवासी क्षेत्र है | छत्तीसगढ़ राज्य अपनी सुंदरता और अद्वितीय जनजातीय आबादी के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। शायद इसी कारण त्योहारों की अधिकता इस राज्य की संस्कृति की विशेषता है। छत्तीसगढ़ के त्योहारों में एकजुटता और सामाजिक सद्भाव की भावना का अनुभव किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में प्रमुख त्यौहार व पर्व शामिल है.
छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले पर्व जो निम्न है|
01:- हरेली
यह मुख्य रूप से किसानों का पर्व है , धान की बुआई बाद कृषि एवं लौह उपकरणों की पूजा की जाती है । यह त्यौहार छत्तीसगढ़ अंचल में प्रथम पर्व के रूप में मनाया जाता है ।इस दिन बांस की गेंड़ी बनाकर बच्चे घूमते व नाचते हैं ।
02:- छेरछेरा
छेरछेरा का त्यौहार फसल कटाई के बाद आता है जिसमें बच्चे हर घर जा जाकर छेरछेरा कोठी के धान लाफेरते हिरा कह कर दान मांगते हैं जिसका अर्थ है अपने घर के धान भंडारण से धान निकालकर हमें दो इस दिन महिलाएं अंचल का प्रसिद्ध सुआ नृत्य भी करती हैं एवं पुरुष डंडा नृत्य करते हैं इस त्यौहार को गांव में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है
03:- दशहरा
ये छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार है। इसे राम को विजय के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है । इस अवसर पर शस्त्र पूजन और दशहरा मिलन होता है । बस्तर क्षेत्र में यह देतेश्वरी की पूजा का पर्व है ।
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